शाबर
मंत्र अलग - अलग क्षेत्रो मे अपनी-अपनी ग्राम्य भाषा मे होते है,यह शुद्ध
है अथवा नहीं ,यह जानना बहुत ही मुश्किल है,अतः कोई येसा भी शाबर मंत्र
होना चाहिये ,ज्यो साधना मे हुई मंत्र त्रुटियों को दूर कर हमे शीघ्र -
सिद्धि प्राप्त करवा सके .
इसलिए सर्वप्रथम मंत्र मे अक्षर या पंक्ति का दोष निवारण हेतु शाबर
मंत्र सदगुरुजी कि असीम कृपा से प्रस्तुत कर रही हू,यह शाबर मंत्र सिद्धि
कि प्रथम चरण है,आगे कि २ और चरण कर लिए जाये तो शाबर मंत्र मे पूर्णत्व
मिलती ही है,इसमे कोई शंका नहीं,आज कि युग मे शाबर मंत्र जल्दी ही प्रभाव
देती है,सिर्फ ध्यान रखने वाली एक ही बात है मंत्र कि शुद्ध उच्च्यारण,इसकी
कि लिए पूर्वाभ्यास कि सहाय्यता होती है.
मंत्र:-
सिरो सरस्वती ,लछमन धारी |तिरिया बन्दो जय - जय काली |तरसो भई ,गजमत हारी | जैसे बिध्या दिल भण्डारी ,जैसे मालन गुंथे फूल ,वैसे विद्या मेरी हो सन्तुल |गौरीपुत गणपति ,मोर अच्छर बिसरो |कन्ठ चढवो ,हे माँ परमेश्वरी |
जब हमारे पास अनेक मंत्र इकठ्ठे हो जाते है,तो कभी-कभी किसी अक्षर के
छुट जाने कि शंका रहेती है.या हमे कई बार शुद्ध शाबर मंत्रो कि प्राप्ति
नहीं हो पाती है,अतः ऐसी दशा मे भी भगवान श्री गणेश जी कि कृपा से कोई
अक्षर या पंक्ति नहीं छुटती |
पहिले उक्त मंत्र का १०,००० जाप सिद्ध कर ले ,प्रयोग से पहिले इसका
उच्च्यारण करे तो किन्ही अक्षर या पंक्ति के छुटने कि दोष नहीं लगती और
प्रयोग मे पूर्ण सफलता भी मिलती है,
यदि ग्रहण काल पर यह मंत्र शिव-परिवार के समक्ष १०८ बार पढ़ लिया जाये
,तो इस मंत्र का प्रभाव साधक/साधिका को प्राप्त होने लगता है.अतः किसी भी
साधक/साधिका को किसी भी शबर मंत्र सिद्ध करने से पूर्व ही इस मंत्र को
सिद्ध करना आवश्यक है.
निखिल प्रणाम.....................
SMILE
Kripya is sabar mantra aiddhi ka doosra aur teesra charan bhi bataye
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